साउथ इंडस्ट्री के हैंडसम हंक महेश बाबू के एक बयान पर खूब हंगामा बरपा है.
उनका यही मतलब था कि लोग उनकी हिंदी में डब फिल्में देख सकते हैं. सच कहूं तो साउथ स्टार्स अपनी टैरिटरी में काम करने कंफर्टेबल हैं.
अपनी फिल्मों के लिए उन्हें अच्छी खासी फीस मिल रही है, अब जबकि साउथ मार्केट और बड़ा हो गया है. 95 फीसदी समय साउथ एक्टर्स अपने स्पेश में कंफर्टेबल रहते ...
हिंदी फिल्मों में काम करना फिर उन्हें प्रमोट भी करना, ये कुछ ऐसा है जिसे लेकर वो कंफर्टेबल नहीं होंगे.
''सिटी टूर के लिए ट्रैवल करना, 40 दिनों तक प्रमोशन करना उनके बस की बात नहीं. साउथ में उनका खुद का किंगडम है, ये शायद छोटा होगा लेकिन वे यहां के राजा हैं
'हिंदी मूवीज में आना साउथ सितारों के लिए कंफर्ट जोन से बाहर जाने जैसा है. यंग जनरेशन शायद पैन इंडिया फिल्में करना पसंद करे लेकिन वो एक्टर्स जो सालों से इंडस्ट्री में हैं शायद ही हिंदी इंडस्ट्री में आने चाहें
महेश बाबू ने लिखा कि वो सिनेमा से प्यार करते हैं. वो जिस इंडस्ट्री में काम करते हैं वहां काम कर सहज हैं. साउथ सिनेमा की सक्सेस से वे खुश हैं.
अब साउथ रीजनल एक्सपर्ट रमेश बाला का रिएक्शन भी सामने आया है. रमेश बाला का ये बयान एक्टर को जस्टिफाई करता है